Sunday, September 23, 2018

Anmol bachan




         Anmol  Bachan
जीवन में सभी लोग हमेशा उत्साहित रहना चाहते हैं और अपने कार्य को पूरे उत्साह के साथ करना चाहते हैं परन्तु कभी-कभी जीवन में लोग बहुत निराश हो जाते हैं. लोग एक ऐसी स्थिति में पहुँच जाते हैं जहाँ मस्तिष्क में अच्छी और सकारात्मक बाते आना बंद हो जाती हैं. ऐसे में आपको अच्छी किताबे (Good Books), अच्छे ब्लॉग (Good Blog), अनमोल बचन (Anmol Vachan), अनमोल ज्ञान (Anmol Gyan) से सम्बंधित चीजों को पढ़ना चाहिए जिससे आपके जीवन में फिर उमंग और उत्साह की लहर दौड़ जाए.


1  24 घंटे में एक बार हमारी जिभ्वा और मस्तिष्क में सरस्वती जी विराजमान होती है इसलिए आप हमेशा अपने और दूसरो के बारे में अच्छा सोचे. क्या पता जो आप बोल रहे है या सोच रहे है उसी समय सरस्वती जी की कृपा हो और आप की बाते या सोच सच हो जाए. इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचे


2. सीढियों की जरूरत उनको पड़ती हैं जिन्हें छत तक ही जाना हो. यदि आपकी मंजिल आकाश हैं तो आपको ख़ुद रास्ता बनाना होगा.

3. उस मनुष्य की ताकत का कोई मुकाबला नही कर सकता जिसके पास सब्र की ताकत है।


4ज़िन्दगी में मनुष्य के आँखे बन्द करने से कभी मुसीबत नही टला करती है, बल्कि उस मुसीबत का सामना करने से मनुष्य की आँखे खुला करती हैं।


4.धोखा देने में भले ही बल हो, लेकिन प्यार वो बल है जिसमे आज भी हल है।


5.अगर व्यक्ति अपनी पूरी लग्न के साथ कोई भी काम करता है, तब उसे कभी हार का मुँह देखना नही पड़ता है।


6.अगर व्यक्ति अपनी पूरी लग्न के साथ कोई भी काम करता है, तब उसे कभी हार का मुँह देखना नही पड़ता है।


7.कुछ लोग तो आपसे सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं, क्‍योंकि… बहुत सारे लोग आपसे प्‍यार करते है|



8.“बुराई” करना रोमिंग की तरह है! करो तो भी चार्ज लगता है और सुनो तो भी चार्ज लगता है! और “नेकी” करना जीवन बीमा की तरह है! जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी तो “धर्म” की प्रीमियम भरते रहिये और अच्छे कर्म का”बोनस” पाते रहिये|

Wednesday, December 27, 2017

कर्म ही पूजा है



          सत्य  वचन




मनुष्य में धैर्य होना चाहिए, जल्दबाजी नही.
मनुष्य में बहादुरी होनी चाहिए, ज़िद्द नही.
सोच सकारत्म होनी चाहिए, नकारात्मक नही.
ज्ञान होना चाहिए, अहंकार नही.


सबसे पहले आप ख़ुद पर विश्वास करे और फिर ईश्वर पर विश्वास करे, इसके बाद आप उसी विश्वास के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करे.


नाव बदले से किनारे नही बदलते, दिशा बदलने से किनारे बदलते हैं. अपने लक्ष्य को न बदले अपने कार्य करने के तरीके को बदले.



जब हम किसी कार्य को करने के लिए सोचते हैं तो बहुत कठिन लगता हैं जब हम उसे कर देते हैं तो सोचते हैं कितना आसान था इसलिए सोचने में समय व्यर्थ न करे, कार्य को करने में समय का सदुपयोग करे.